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निवेश का सबसे बड़ा सवाल: SIP कितनी शुरू करें? जवाब यहाँ है👇

SIP कितनी शुरू करें? | सही योजना, उदाहरण और प्रेरणादायक कहानी | Priyankshi अब सवाल ये उठता है – SIP कितनी शुरू करनी चाहिए? नमस्कार पाठकों, वित्तीय योजना (Financial Planning) बनाते समय अक्सर लोगों के मन में एक बड़ा सवाल आता है — “मुझे कितनी SIP शुरू करनी चाहिए?” मैंने इस प्रश्न पर काफी समय तक अध्ययन किया है और पाया है कि जब भी मैं निवेशकों से बात करता हूँ तो उनके लक्ष्य (Goals) बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं — जैसे कि “मुझे ₹1 करोड़ का कॉर्पस चाहिए” या “मुझे ₹2 करोड़ रिटायरमेंट के समय तक बनाने हैं।” लेकिन कई बार उनकी आय (Income) इतनी नहीं होती कि वे उतनी बड़ी राशि हर महीने निवेश कर सकें। ऐसे में जब उन्हें लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आवश्यक SIP राशि बताई जाती है, तो वे निराश होकर निवेश शुरू ही नहीं करते। मैं उन्हें हमेशा यही समझाता हूँ कि – अगर आपके अंदर लक्ष्य प्राप्त करने की इच्छा है और आप अपने सेविंग्स प्लान पर टिके रहते हैं , तो आप कोई भी कॉर्पस बना सकते हैं। चाबी सिर्फ़ Consistency (निरंत...

देर करना महंगा पड़ सकता है: SIP अभी शुरू करें और भविष्य सुरक्षित करें

आज ही SIP शुरू करें और वित्तीय स्वतंत्रता पाएं 🌟 आज ही अपनी निवेश यात्रा शुरू करें! 🌟 हम सब जीवन भर मेहनत करते हैं ताकि परिवार को अच्छी शिक्षा, बेहतर जीवन और सुरक्षित भविष्य मिल सके। लेकिन यदि हम निवेश को टालते रहे, तो कल को हमारे पास पर्याप्त पैसा नहीं होगा। समय पर निवेश ना करना मतलब—सपने अधूरे रहना। SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है अपनी वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ाने का। आइए विस्तार से समझते हैं। 🌱 SIP और चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding) क्या है? SIP का मतलब है कि आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। SIP आपको चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति का उपयोग करके अपनी संपत्ति तेजी से बढ़ाने का अवसर देता है। चक्रवृद्धि ब्याज को ऐसे समझें जैसे एक पेड़ का उदाहरण: आप एक छोटा बीज बोते हैं। यह बड़ा पेड़ बनता है और फल देता है। इन फलों के बीज नए पेड़ों में विकसित होते हैं। कुछ वर्षों बाद, आपको एक पेड़ से अनेक पेड़ों का लाभ मिलने लगता है। इसी तरह SIP में, आपके नि...

निवेश का असली राज़: मार्केट गिरावट में घबराएँ नहीं, कॉस्ट एवरेजिंग अपनाएँ

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नमस्कार पाठकों, अक्सर ऐसा होता है कि लोग निवेश (Investing) शुरू करने का मन बनाते हैं, मुझसे जानकारी भी लेते हैं, लेकिन जैसे ही बाज़ार (Market) नीचे जाता है, वे सोचते हैं — “अभी क्यों करें, थोड़ा इंतज़ार करते हैं।” कुछ लोग तो निवेश शुरू कर देते हैं, लेकिन जैसे ही उनका पैसा अस्थायी तौर पर घाटे (Loss) में दिखने लगता है, वे घबरा जाते हैं और निवेश बढ़ाने या जारी रखने से डरते हैं। 👉 असलियत यह है कि निवेश कोई एक-दो महीने का खेल नहीं है, बल्कि यह लंबी अवधि की यात्रा है।   🚀 लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद आप मुझे एक भी ऐसा निवेशक दिखाइए जिसने 10 साल या उससे ज्यादा समय तक म्यूचुअल फंड्स में सलाहकार की मदद से सही तरह से निवेश किया हो और अंत में घाटे में रहा हो। 👉 आपको ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलेगा। लंबी अवधि में बाज़ार हमेशा ऊपर ही जाता है, क्योंकि कंपनियाँ बढ़ती हैं, अर्थव्यवस्था (Economy) आगे बढ़ती है और समय के साथ-साथ आपका निवेश भी बढ़ता है।   📉 बाज़ार गिरने पर क्या करना चाहिए? जब मार्केट नीचे आता है, तो यह आपके लिए नुकसान नहीं बल्कि मौका (Opportunity) है। इसे ही कहते हैं...